
पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार साय ने कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन पहुंचकर कांग्रेस की सदस्यता ले ली. इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, PCC चीफ मोहन मरकाम, मंत्री मोहम्मद अकबर, मंत्री शिव डहरिया, मंत्री प्रेम साय सिंह टेकाम समेत तमाम कांग्रेस के मंत्री व दिग्गज नेता मौजूद थे. बेहद गर्मजोशी के साथ कांग्रेस ने उनका स्वागत किया और हाथ से हाथ जोड़ो के नारे के साथ उन्हें अपने दल में शामिल किया.
सोमवार की सुबह राजीव भवन में काफी हलचल बढ़ गई. बीती रात से जिस बात का कयास लगाया जा रहा था वो सच साबित हुआ. दिग्गज आदिवासी नेता व भाजपा के कद्दावार नेता रहे नंदकुमार साय ने प्रदेश में राजनीतिक भूचाल ला दिया. बीती शाम भाजपा से इस्तीफा देने के बाद PCC चीफ मोहन मरकाम और सीएम भूपेश बघेल की उपस्थिति में कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता हासिल कर ली. राजीव भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए नंदकुमार साय ने प्रदेश सरकार की जमकर तारीफ की. उन्होंने सीएम भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली सरकार के कामकाज को आदिवासी और कृषि समर्थित बताया. उन्होंने आगे कहा कि मेरे जीवन का ये सबसे कठिन निर्णय रहा है. मैं राजनीतिक जीवन की शुरुआत से भाजपा का सदस्य रहा हूं और जनसंघ से भी जुड़ा रहा. लेकिन साय ने अपनी पीड़ा जाहिर करते हुए कहा कि अटल जी की भाजपा आज उस रूप में नहीं रही जैसे हुआ करती थी. साय ने साथ ही कहा कि भूपेश सरकार ने उल्लेखनीय काम किया है. धरातल पर भूपेश सरकार काम कर रही है. सरकार ने किसानों के हित में काम किया है. सरकार ने अपने नारे के अनुरूप काम कर नरवा, गरवा, घुरवा, बारी योजना को कारगर साबित किया है. साय ने आगे भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि हमने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस लिया था. बंगले पर हमने कहा था कि पार्टी की हालत बहुत खराब है, और उसको ठीक करने की जरूरत है, लेकिन उस दिशा में कोई काम नहीं किया गया.
सीएम भूपेश बघेल ने नंदकुमार साय को सदस्यता दिलाते हुए साय की जमकर तारीफ की और उन्हें सच्चा आदिवासी नेता बताया. सीएम भूपेश ने कहा कि नंदकुमार साय का जीवन सादगीपूर्ण रहा है. उन्होंने अपना जीवन आदिवासियों की सेवा में लगा दिया और शुरू से आदिवासियों के हित के लिए संघर्ष किया.
इससे पहले भाजपा से इस्तीफा दे चुके नंदकुमार साय को मनाने के लिए भाजपा नेता उनके घर गए, लेकिन वो नहीं माने। भाजपा नेताओं के वापस लौटने के बाद साय ने सोशल मीडिया पर एक कविता पोस्ट की है, जिसमें आदिवासी समाज के हित को सर्वोपरि रखने की बात कही है।
दरअसल, रविवार शाम को नंदकुमार साय के इस्तीफे के बाद से प्रदेश भाजपा में भूचाल आ गया था. सोमवार सुबह पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु देव साय एवं संगठन महामंत्री पवन साय ने नंदकुमार साय के निवास पर जाकर उनसे मुलाकात करने की कोशिश की, वहां जानकारी दी गई कि वह दिल्ली में हैं। उनसे फोन पर बात करवाने का आग्रह किया गया, लेकिन उनका कोई जवाब नहीं मिला। भाजपा नेताओं ने बताया कि निवास पर नंदकुमार साय के बेटे से मुलाकात हुई। लगभग 2 घंटे के इंतजार के बावजूद खाली हाथ लौजना पड़ा. बीजेपी ने कहा कि आगे भी उनसे संपर्क करने की कोशिश करते रहेंगे और उनकी बात समझने का प्रयास करेंगे.